AI और शिक्षा में बेईमानी: क्या AI भी निजी ट्यूशन और कोचिंग क्लास जैसी अनैतिकता कर सकता है?

शिक्षा जगत में प्राइवेट ट्यूशन और कोचिंग सेंटरों का बड़ा प्रभाव रहा है। कई मामलों में, ये संस्थान अनैतिक तरीकों से विद्यार्थियों को आकर्षित करते हैं—जैसे अति-मूल्यवान कोर्सेज, भ्रामक विज्ञापन, और सिर्फ टॉपर्स को हाईलाइट करना। अब, जब शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भागीदारी बढ़ रही है, तो यह सवाल उठता है: क्या AI भी इसी तरह की अनैतिकता कर सकता है? क्या AI शिक्षा प्रणाली में उसी तरह की विसंगतियाँ पैदा कर सकता है जैसी ट्यूशन और कोचिंग सेंटरों ने की हैं?

1. कोचिंग सेंटर की अनैतिकता बनाम AI

कोचिंग क्लासेज कई बार निम्नलिखित अनैतिक कार्य करती हैं:

  • भ्रामक विज्ञापन: केवल टॉपर्स के रिजल्ट दिखाना और बाकी विद्यार्थियों को नजरअंदाज करना।
  • अत्यधिक फीस वसूलना: ज्ञान देने के नाम पर शिक्षा को एक व्यवसाय बना देना।
  • डर और दबाव का माहौल: विद्यार्थियों को यह विश्वास दिलाना कि बिना कोचिंग के वे सफल नहीं हो सकते।
  • समान अवसरों की कमी: आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी इन सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते।

अब, सवाल उठता है कि क्या AI भी इस तरह की अनैतिकता कर सकता है?

AI कैसे शिक्षा में बेईमानी कर सकता है?

A. एल्गोरिदम आधारित भेदभाव

AI एल्गोरिदम कई बार पक्षपाती (biased) हो सकते हैं। यदि कोई AI-आधारित शिक्षा प्रणाली केवल कुछ विशेष प्रकार के छात्रों को प्राथमिकता दे और अन्य को कम अवसर प्रदान करे, तो यह भी ट्यूशन सेंटरों जैसी अनैतिकता होगी।

B. सशुल्क AI टूल्स की लूट

आज कई AI-पावर्ड एजुकेशन प्लेटफॉर्म हैं जो ‘प्रीमियम कोर्सेज’ के नाम पर विद्यार्थियों से भारी फीस वसूलते हैं। यह वही मॉडल है, जो बड़े कोचिंग सेंटर अपनाते हैं—जहां गुणवत्ता की बजाय व्यवसायिक लाभ को प्राथमिकता दी जाती है।

C. गलत जानकारी और अर्ध-सत्य

AI चैटबॉट्स और ऑटो-जेनरेटेड कंटेंट कभी-कभी गलत या अधूरी जानकारी दे सकते हैं। यह कोचिंग संस्थानों द्वारा गलत मार्केटिंग के समान है, जहाँ सिर्फ अच्छे पक्ष दिखाए जाते हैं और कठिनाइयों को छिपाया जाता है।

D. निजी डेटा का दुरुपयोग

AI-आधारित शिक्षण प्लेटफॉर्म छात्रों के डेटा को एकत्रित करते हैं। यदि इसे गलत तरीके से बेचा या इस्तेमाल किया जाए, तो यह भी एक अनैतिक कदम होगा। कोचिंग सेंटर भी कई बार अपने सफल छात्रों के डेटा का उपयोग अपने फायदे के लिए करते हैं, और AI सिस्टम भी यही कर सकते हैं।

3. समाधान और नैतिक AI की आवश्यकता

यदि AI को शिक्षा का भविष्य बनाना है, तो इसे पारदर्शी, निष्पक्ष और नैतिक बनाना आवश्यक है।

  • AI एल्गोरिदम को अधिक पारदर्शी बनाया जाए।
  • AI प्लेटफॉर्म्स को अनावश्यक महंगी सेवाएँ न बेचने दी जाएं।
  • छात्रों के डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित की जाए।
  • AI को मानवीय शिक्षक का प्रतिस्थापन नहीं, बल्कि एक सहायक के रूप में देखा जाए।

कुल मिलाकर कहा जाय तो AI और निजी ट्यूशन, दोनों में अनैतिकता की संभावना हो सकती है, लेकिन यदि सही दिशानिर्देश और नैतिक मानदंड बनाए रखें जाएं, तो AI को शिक्षा में एक सकारात्मक शक्ति के रूप में विकसित किया जा सकता है। वरना वही होगा कि AI वाला Chatbot कहेगा, मेरे यहां से कोचिंग कर लो, अच्छे नंबरों की गारंटी मिलेगी। दूसरा वाला कहेगा, अरे वो वाला तो पुराना वर्शन है। मैं अपडेटेड हूं, मेरे से शिक्षा ग्रहण करो, मुझे सब पता है। तब तक अल्गोरिदम ऐसा कि किसी और को भी पता चल जाएगा कि ये बच्चा ट्यूशन ढूंढ रहा है, वो अब अपने डेटाबेस से बच्चे का प्रोफाइल खंगालेगा और उसके मां बाप को एलर्ट भेज देगा कि आपने हमारा Kids Alert Subscription लिया है तो बताना चाहूंगा कि आपका बच्चा किसी ऐरे गैरे Chatbot के चक्कर में पड़ गया है। उसे सही रास्ता दिखाना है तो आपका प्लान अपग्रेड करिए, हम उसके लिए सही कोचिंग संस्थान बताने में सहायता करेंगे 🙂

और तो और कुछ Chatbot तो इतने सयाने होंगे कि वो खुद ही एक तरफ बच्चे को बरगलाएंगे और दूसरी तरफ उसके मां बाप को बताएंगे कि आपका बच्चा गलत सलत हाथों में पड़ने जा रहा है। फ्री सबस्क्रिप्शन के चलते हम इतना ही बता सकते हैं, और जानकारी चाहिए तो अपग्रेड किजिए, ये वाला प्लान ले लो, इसमें प्रिमियम अपडेट मिलेगा कि आपका बच्चा किस दुकान से टाफी खरीदता है, कितने का पेमेंट किया और किस-किस को बांटा। उससे ज्यादा वाला प्लान लेंगे तो हम ये भी बताएंगे कि उसने टाफी खुद खाई या किसी गर्लफेण्ड को दे दी। हमारे कैमरे ग्लोबली जुड़े हुए हैं IOT, नाम तो सुना होगा 🙂

तो दोस्तों, देखते हैं आगे ये क्या गुल खिलाता है AI शिक्षा के क्षेत्र में 🙂

– Jotter Satish

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