AI Agent मेनस (Manus) क्या है ?

Manus एक चीनी स्टार्टअप Monica द्वारा बनाया गया एक Autonomous Artificial Intelligence Agent है, जिसे 6 मार्च 2025 को लॉन्च किया गया था। यह एजेंट जटिल ऑनलाइन कार्यों को स्वतंत्र रूप से, बिना किसी इंसानी मदद या गाइडेंस के अपने आप काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यदि कहीं इंसानी जरूरत पड़ती भी है तो वह सिर्फ आगे बढ़ने के लिए अनुमति लेने तक सीमित है। Manus के पेज पर ही लिखा हुआ है – “Manus is a general AI agent that bridges minds and actions: it doesn’t just think, it delivers results. Manus excels at various tasks in work and life, getting everything done while you rest”.

खास बातें :

  • Autonomous: Manus अब तक के AI एजेंटों से कुछ अलग है; यह केवल सुझाव या उत्तर प्रदान करने के बजाय, खुद ही काम को पूरा करने के लिए आगे बढ़ता चला जाता है। मसलन, यह वेबसाइट खुद ही बना देगा, उसमें पेमेंट option, SSL वगैरह का खुद ही डेवलपमेंट कर देगा, वेरिफाय करने के लिए जो-जो प्रोसेस करना होता है, सब को पूरा करते हुए आप से सिर्फ अनुमति मांगेगा, कि मैं पेमेंट करने जा रहा हूं, आगे बढ़ूं या रूकूं… आपके फोन पर ओटीपी भेज रहा हूं, उसे देकर मुझे आगे बढ़ने के लिए आज्ञा दो। यह कंस्ट्रक्शन, stock Analysis, Travel plan, Schedule Management, Property research जैसे काम खुद ही संभाल लेगा। Stock खरीदने के लिए सर्च करने पर खुद ही रेट बताकर रूकने के लिए भी कह सकता है कि अभी मत खरीदो, पंद्रह दिन बाद रेट गिरने का चांस है, कुछ हालात बनने वाले हैं, तब खरीदना। इतना ही नहीं, अगर इससे पूछा जायगा कि मुझे अमेरिका के फलां जगह जाना है और उसके लिए यह बजट है तो ये खुद ही पूरा प्लान बनाकर होटल में बुकिंग प्रोसेस करने के लिए तैयार हो जाएगा। यदि कुछ गड़बड़ लगेगी कि कहीं युद्ध की आशंका है या कुछ और तो वारनिंग भी देगा कि अभी मत जाओ। वहां का फलां नेता पगलाया हुआ है, ठीक होने में समय लगेगा 🙂
  • Advanced Performance: जब Manus को GAIA बेंचमार्क पर टेस्ट किया गया तो उसने बहुत अच्छी तरह परफॉर्म किया था। बता दें कि GAIA Benchmark, ऐसी टेस्टिंग प्रणाली हो जो वास्तविक दुनिया की problem solving capacity के हिसाब से टेस्टिंग करता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसने लगभग 86.5% स्कोर प्राप्त किया है, जो इसे अन्य प्रमुख मॉडलों से आगे रखता है।
  • User Interface: Manus का उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस एक virtual assistant के जैसे है, जो NLP (नेचुरल लैंग्वेज) के हिसाब से काम करता है। यह users को अपने कार्यों की प्रक्रिया को पारदर्शी रूप से देखने की अनुमति देता है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया समझने में मदद मिलती है। ​

विवाद और चुनौतियाँ:

  • विश्वसनीयता: कुछ users ने जटिल प्रश्नों के दौरान मॉडल में कुछ कमी भी पाई है, उनके हिसाब से ये परफेक्ट नहीं है।
  • डेटा गोपनीयता: Autonomous AI एजेंटों की बढ़ती क्षमताओं के साथ, data privacy and safety को लेकर चिंताएँ बढ़ रही हैं। Manus जैसे एजेंटों की स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता के कारण, यह थोड़ा सा पेचीदा मामला बन जाता है। पता चला होटल बुक करते समय इसने कुछ ऐसा डेटा दे दिया, सीवीवी वगैरह जो कहीं जाकर स्टोर हो गया और अनजाने में ही ओटीपी देकर आगे बढ़ गये। इसके बाद आते रहेगा मोबाइल पर टिंग-टिंग वाला पैसे कटने का एलर्ट मैसेज। जेब से दस का नोट गिर जाय तो सोचते रहते हैं, फिर ये लगातार टिंग-टिंग। मामला गंभीर हो सकता है।
  • Controversial Marketing Strategies: Manus की लॉन्चिंग के बाद, इसकी इनवाइट-ओनली एक्सेस नीति के कारण कुछ विवाद उत्पन्न हुए हैं, जिसमें इनवाइट कोड्स की मांग बढ़ने से उनकी कीमतें बढ़ गईं। ​

भविष्य की संभावनाएँ:

Manus की क्षमताएँ और इसकी स्वायत्तता AI के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर सकती हैं। हालांकि, इसकी विश्वसनीयता, डेटा सुरक्षा, और नैतिकता से संबंधित चिंताओं को संबोधित करना आवश्यक होगा ताकि यह व्यापक रूप से स्वीकार्य हो सके। भविष्य में, Manus जैसे AI Agent, इंसान और मशीन के बीच सहयोग के नए तरीकों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, बशर्ते पैसे कटने वाला टिंग टिंग न हो 🙂

– Jotter Satish

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